बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है. आरजेडी 144, कांग्रेस 70 और लेफ्ट 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. आरजेडी अपने कोटे से वीआईपी पार्टी को सीट देगी. महागठबंधन के नेताओं ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीटों के बंटवारे की जानकारी दी. इसमें महागठबंधन के सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(माले), सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी महागठबंधन का हिस्सा हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने कहा कि कुछ वैचारिक मतभेद होते हुए भी एक मजबूत गठबंधन जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियां साथ आई हैं. 2015 में महागठबंधन को जनता का भरपूर समर्थन मिला, लेकिन दुर्भाग्यवश उस बहुमत का अपहरण कर लिया गया. नीतीश कुमार ने धोखा देकर बीजेपी के साथ सरकार बना ली. जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे.
वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार की जनता मौका देगी तो मैं उनके मान सम्मान की रक्षा करूंगा. हम ठेठ बिहारी हैं. जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं. उन्होंने कहा कि बता दें कि मेरा डीएनए भी शुद्ध है. बिहार की आज की सरकार ठहरा हुआ गंदा पानी है. हम लोग बहते हुए नदी का साफ और शुद्ध जल हैं.
2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 101, जेडीयू 101 और कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जेडीयू तब महागठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन इस चुनाव में वो अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ है और NDA का अहम हिस्सा है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही NDA इस बार चुनाव लड़ रही है.
गौरतलब है कि राज्य में 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन का मुकाबला नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से है.
बता दें कि सीट बंटवारे पर महागठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही थी. कांग्रेस अधिक सीटों की मांग पर अड़ी थी, जबकि आरजेडी उतनी सीटें देने को तैयार नहीं थी. सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच दोनों तरफ से बयानों के तीर भी छोड़े जाने लगे थे. कांग्रेस ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल किया था तो जवाब में आरजेडी की ओर से मोर्चा संभालते हुए प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस को भी चेतावनी दे दी थी.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा था कि बिहार की जनता तेजस्वी की नाव पर सवार है. इस नाव में छेद करने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस खुद भी डूब जाएगी. उन्होंने साफ-साफ शब्दों में यहां तक कहा था कि तेजस्वी को आंख दिखाने वालों को नहीं छोड़ेंगे, चाहे वह कांग्रेस ही क्यों न हो. लेकिन अब सीटों के बंटवारे के साथ ही ये साफ हो गया है कि कांग्रेस की मांग को मान लिया गया है.
2015 में महागठबंधन को मिली थी 178 सीटों पर जीत
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को भारी जीत मिली थी. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में महागठबंधन 178 सीटों पर जीती थी. नीतीश कुमार बिहार के नए मुख्यमंत्री चुने गए थे. हालांकि चुनाव के दो साल बाद जेडीयू महागठबंधन से अलग हो गई थी और बीजेपी से हाथ मिला लिया था.
बिहार में तीन चरण में होंगे चुनाव
बता दें कि बिहार में तीन चरण में विधानसभा के चुनाव होंगे. पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे.